ईश्वर ने दिल को ऊंचा स्थान नहीं दिया है1 यह स्थान दिमाग को ही दिया है1 इसीलिए दिल की सुनो परन्तु उसपर अमल सोच समझ कर करो नहीं तो गलतियां होती रहेंगी और आप कहोगे:
ज़रा सी बात पे हर रस्म तोड़ आया था,
दिल-ए-तबाह ने भी क्या मिज़ाज पाया था !!
-जाँ निसार अख़्तर..
दिल-ए-तबाह ने भी क्या मिज़ाज पाया था !!
-जाँ निसार अख़्तर..