यह लेख साइलेंट हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाओं पर गहराई से चर्चा करता है, विशेष रूप से युवाओं के बीच इसके तेजी से फैलते खतरे पर ध्यान केंद्रित करते हुए। सामान्य धारणा यह है कि दिल का दौरा हमेशा तेज़ सीने के दर्द के साथ आता है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि कई बार यह हमला बिना किसी स्पष्ट दर्द के भी हो सकता है। यही कारण है कि इसे साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है—जहाँ शरीर संकेत तो देता है, पर हम उन्हें अनदेखा कर देते हैं।
लेख में डॉ. शर्ली कोह, जो एक प्रसिद्ध कार्यात्मक चिकित्सा विशेषज्ञ हैं, इस समस्या के सूक्ष्म लेकिन खतरनाक लक्षणों के बारे में चेतावनी देती हैं। उनके अनुसार, मतली और उल्टी होना, बिना कारण ठंडा पसीना आना, चक्कर या हल्कापन महसूस करना, अचानक सांस फूलना, और शरीर के ऊपरी हिस्सों—जैसे पीठ, बाजू, गर्दन या जबड़े—में हल्का सा दर्द भी दिल के दौरे का संकेत हो सकता है। अक्सर लोग इन लक्षणों को गैस, कमजोरी, तनाव या थकान समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन डॉक्टर कोह बताती हैं कि यही लापरवाही जीवन के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।
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