मंगलवार, 10 नवंबर 2015

हैप्पी दिवाली...सब के लिए होनी चाहिए...!!! Make Happy Diwali for All...!!!



सर्वप्रथम आप सब को मै 
अपनी ऒर से दीवाली की ढेर सारी शुभकामनायें देता हूँ

दीवाली आप सब के जीवन में सुख, शांति  एवं समृद्धि लाये!
दीवाली हम सब का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है
इस त्यौहार को पूरी श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है
पुरानी  परम्पराओं  के अनुसार मिट्टी के दीयों में सरसों का तेल डाल  कर उन्हें प्रज्वलित किया जाता है    
समय के साथ-साथ मिटटी के दीयों का स्थान मोमबत्ती तथा बिजली की लड़ियों ने ले लिया है


लोग अपनी ख़ुशी को तरह तरह से प्रकट करते हैं इसका उन्हें हक़ भी है
Glass of champaign
परन्तु पठाखे इतनी अधिक मात्रा में फोड़े जाते  हैं कि उनसे  होने वाला ध्वनि व् वायु प्रदुषण इस धरा पर रहने वाले अनेकों जीव-जंतुओं, पशु- पक्षियों के लिए प्राणघातक सिद्ध होता है
शायद हम भूल जाते हैं कि इस धरा पर पशु-पक्षी जो हमारे आस-पास रहते हैं, उनका भी जीने का पूरा अधिकार है१
वे बेचारे दिवाली की रात को सहम जाते हैं और पता नहीं कितने उनमें से मर भी जाते हैं
केवल पशु पक्षी, हम इंसान भी इस ध्वनि व् वायु प्रदुषण से प्रभावित होते हैं
pigeon birds macrotree sparrow sparrow birdindian roller bird perched

आपके पड़ोस में कोई बीमार व्यक्ति हो सकता है, कोई नव-जनमा शिशु हो सकता है, या कोई वृद्ध व्यक्ति !

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कृपया अपनी संवेदना को जगाये रखिये१
सदैव ऐसा सोचिये कि आप अपने कार्य से अनजाने में किसी को दुःख तो नहीं पहुंचा रहे हो?
आप ऐसा बिलकुल भी मत सोचिये कि जब अन्य लोग ऐसा कर रहे है, तो 'हम' ऐसा क्यों करें?
हम स्वं को बदल सकते हैं .....फिर प्रयत्न कीजिये  दूसरों को, जो आप के नज़दीकी लोग हैंयह बात समझने का
शायद उनमें भी कभी बदलाव जाये!
इस उम्मीद के साथ एक बार फिर आप सब को दीपावली की शुभकामनायें!



बुधवार, 4 नवंबर 2015

आप आप हो, वो वो है !

क्या आपने यह जानने का प्रयत्न किया है कि आप के आस -पास  के लोग वही सब  कर रहे होते हैं जो दूसरे लोग करते हैं 1  
अब आप कहोगे कि 'हाँ ठीक ही तो कर रहे हैं ! हम सब वही करेंगे जो दूसरे लोग कर करते, जैसे  कि हम सब रोज़ी -रोटी   कमाने के लिए  बाहर  जाते  हैं कोई  काम  करते  हैं १'
आप सही सोच रहे हो, परन्तु मेरा कहने का तातपर्य यह नहीं है १ 
मेरा इशारा आप सब का ध्यान उन कार्यों, आदतों या बातो की ओर आकर्षित करना  है जो  लोग देखा देखी करते है बिना अपने विवेक का प्रयोग किये१ 
इसी कारण से वे अपने व्यक्तित्व को दूसरों के व्यक्तित्व में उलझा देते हैं १ 
लोग धूम्रपान करते हैं, क्या आप भी धूम्रपान इसलिए करोगे कि दूसरे लोग ऐसा कर रहे हैं?
लोग नशा करते हैं, परन्तु आप भी यह कार्य बिना किसी सोच-विचार के करोगे  क्या? 
लोग अपना पैसा व्यर्थ में लूटा रहे होते हैं ...क्या आप भी ऐसा करोगे?
मुझे पूरा विश्वाश है की आप ऐसा नहीं करोगे १ 
धूम्रपान हानिकारक है १ नशा करना एक बुरी लत है १ व्यर्थ में पैसा लुटाना एक बेवकूफी है १ 
अब मैं  आप की प्रतिकिर्या जानना चाहूंगा निम्न लिखित बिन्दुओं पर:
१. जब आप का कोई प्यारा मित्र या आपके घर  में आपकी पत्नी आपको कहती है:
"आप अपने ऑफिस का काम घर पर क्यों करते हो? क्या आप को खन्ना साहब से अधिक सेलरी मिलती है?"
"आप तो बस ऐसे ही ईमानदारी की चक्की में पिसते रहोगे, जबकि तुम्हारे साथ वाले कहीं से कहीं पहुँच गए हैं १"
"सत्यवान जी, झूठ   बोलना  सीखिये  अगर  इस दुनियां में जीना है १"
"आप कभी घर में पार्टी अरेंज कर लिया करो"
क्या आप ऊपर लिखे सुझाओं पर अमल करना पसंद करोगे जब कि  आपकी अंतरात्मा आपको ऐसा करने से रोक रही हो १ 
आप के घर का बजट यदि आप को फालतू खर्च करने कि आज्ञा नहीं दे रहा है तो क्या आप अपनी बीवी या अपने पति को ठीक से समझा  पाओगे   कि ऐसा करना आपके अहित में है!
दोस्तों  वह  कार्य  बिलकुल  न  कीजिये  जिस  को करने के पश्चात आपको पछताना  पड़े १  
दूसरों की  सलाह लीजिये, परन्तु कीजिये अपनी अन्तआत्मा के अनुसार १ 
ऐसा करने के पश्चात अगर  आपको पछताना भी पड़े तो आप यह नहीं कहोगे कि यदि 'मैं' उसकी बात न मानता तो अच्छा होता १ 
अपने फैसले पर आपको किसी और को दोषी बनाने कि आवश्यकता नहीं होगी १ 
आप सदैव ध्यान रखिये कि आप आप हैं और वो वो हैं 1

शनिवार, 31 अक्टूबर 2015





यूँ होता तो यूँ होता, यूँ होता तो यूँ होता!!!
कई बार जीवन में ऐसा लगता है कि मन उचाट हैयानि मन बेचैन है!
कोई भी काम आरम्भ करोमन उस कार्य पर एकाग्र ही नहीं होता 
आराम करने के लिए लेट जाओतब भी शरीर और मन में समन्वय नहीं बन पा रहा होता है 
भले ही आप किसी भी व्यवसाय में हों या  भी हो 
आप एक विद्यार्थी भी हो सकते हैं१ आप अपनी पुस्तक खोलते हैंपढ़ने में मन एकाग्र नहीं हो पा रहा है 
ऐसे में क्या किया जाये ?
मुझे ऐसी अवस्था में वे लोग भी याद  रहे हैं जिनको मैंने देखा है कि वे हर अवस्था में परेशान ही रहते हैं परेशान रहना उनकी आदत बन जाती है
यदि आप उनसे उनके बारे में पूछो कि वे कैसे हैं तो उनका एक ही उत्तर होता है:
"बस यार सुबह से अब तक परेशान ही हूँ !"
यदि आप उनका हाल चाल पूछो तो कहेंगे: "बस ठीक हूँ, वक़्त को धक्का दे रहा हूँ
अब आप यह सोच रहे होंगे कि मै इन लोगों  के बीच में से कैसे निकलूंगा और आप को आगे कोई समाधान बताऊंगा या नहीं  !
मै बस इतना बताना चाहता हूँ कि इस प्रकार कि स्थिति कभी-कभार शायद हम सब के साथ भी उत्पन्न होती है
ऐसे में मेरा अनुभव तो यह कहता है कि उस समय जब आप बेचैन हो तो कुछ भी कार्य जो रुका हुआ है उसे करने लग जाओ
यदि कार्य नहीं करना है तो आप घर से बाहर  निकलो और लोगों से मिलो या घूमने निकल जाओ 
आप अवश्य ही बेहतर अनुभव करोगे
कई बार घर में कैद होना भी मायूसी पैदा करता है
यदि आप विद्यार्थी  हैं और पढाई करने में आप का मन नहीं है तो दोस्तों के साथ बातें कीजिये या अन्य कार्य जो आपका मन बहलाये
परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि आप अपना मन बहलाने के लिए बाहरी दुनियां में इतने खो जाओ कि आप अपने लक्ष्य को भूल कर उसी संसार में लीन हो जाओ जिसका उद्देश्य केवल यही है: 'खा लो, पी लो, गप्पें हांक लो और सो जाओ!' 
यह उदेश्श्य प्रगतिशील मानव का नहीं हो सकता १ 
आप रिलैक्स होने के लिए थोड़ी देर के लिए यथार्थ कि दुनियां से दूर जा सकते हो, परन्तु आप को हर हाल में इस धरा के तल पर  अपने पांव रखने हैं और खो जाना है यथार्थ की दुनियां में अपने उद्देश्य को पूरा करने में १ 

मुझे इस सन्दर्भ में अमेरिका के एक महान कवि Robert Frost की प्रसिद्ध पक्तियां याद आ रही हैं:  
               'Woods are lovely, dark and deep,
               And I've my promises to keep,
               And miles to go before I sleep,
               And miles to go before I sleep!'
यदि आप गृहणी हैं तो प्रयत्न कीजिये कि आप अपने पति व् बच्चों के साथ कहीं घूमने चले जाएँ 
कहने का तात्पर्य यह है कि आप अपना मनोरंजन कीजिये
आप उदास इस लिए हैं कि प्रतिदिन की दिनचर्या से आप उक्ता गए हैं , आप इसमें कुछ नया कीजिये जिससे दिनचर्या दिलचस्प हो जाये
यदि आप किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो उसका समाधान निकालिये यदि ऐसा कुछ आप कर सकते हैं
यदि आप के पास उस समस्या का कोई समाधान नहीं है तो उसे ईश्वर के हवाले कर दीजिये और भूल जाइये उस के बारे में

जो भी होगा अच्छा होगा बस यह मान लीजिये!




The Clever Farmer and the Greedy Merchant

  The Clever Farmer and the Greedy Merchant A simple farmer named Raghav lived in the vibrant village of Suryapur, nestled along the lush ...